भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क – भीलवाड़ा नगर निगम द्वारा प्रस्तुत 411.84 करोड़ के बजट में सर्वाधिक 100 करोड़ की राशि राज्य सरकार चुंगी के रूप में देगी। जबकि 8.10 करोड़ नगरीय कर के रूप में वसूले जाएंगे। शहर के विकास के लिए कोई बड़ी योजना नहीं है। 201 करोड़ केवल स्थायी परिसंपत्तियों पर खर्च किए जाएंगे। इसमें मुख्य रूप से 10 करोड़ केवल गांधी सागर व सांगानेर तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा 32 करोड़ सड़क, नालियों पर तथा 116 करोड़ अमृत योजना-2 के तहत सीवरेज कार्य पर खर्च किए जाएंगे। सीवरेज कार्य के लिए राशि सरकार से मिलेगी।
8 करोड़ खर्च फिर भी नहीं सुधरी, अब 11.58 करोड़ खर्च करने की तैयारी
गांधी सागर तालाब नगर परिषद के लिए सफेद हाथी बनता जा रहा है। इसे सुधारने के नाम पर परिषद अब तक करीब आठ करोड़ रुपए बर्बाद कर चुकी है। अभी भी तालाब डंपिंग यार्ड का दंश झेल रहा है। गांधी सागर तालाब में कचरे का ढेर लगा हुआ है। इसमें गंदा पानी आ रहा है। परिषद ने तालाब को उदयपुर की फतेहसागर झील की तर्ज पर विकसित करने का दावा किया था। हकीकत यह है कि यह गंदे नाले जैसा नजर आता है। चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। तालाब से निकलने वाले गंदे पानी की जहां निकासी होनी है, वहां हजारों टन प्लास्टिक की थैलियां पड़ी हुई हैं। बोर्ड बैठक में इसके सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपए खर्च करने के प्रस्ताव लिए गए थे। गांधी सागर तालाब का सौंदर्यीकरण तो नहीं हुआ, लेकिन जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने इसके नाम पर अपनी जेबें जरूर भर लीं। 1995 से अब तक गांधी सागर के सौंदर्यीकरण पर 8 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुके हैं। इसके बावजूद भाजपा बोर्ड 9 करोड़ और खर्च करने की तैयारी में है। हालांकि इस राशि में सांगानेर तालाब भी शामिल है। इस तालाब में आने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए नाले का निर्माण कराया जाएगा, इस पर अलग से करीब 2.58 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
आर्ट गैलरी पर 3 करोड़ का बजट
रोडवेज बस स्टैंड के सामने स्थित आर्ट गैलरी की जमीन पर कोर्ट का स्टे है। लेकिन निगम ने अपने बजट में आर्ट गैलरी के लिए 3 करोड़ का प्रावधान किया है। यह राशि कहां और कैसे खर्च होगी, इसका कोई जिक्र नहीं है। इसके अलावा वाहन खरीद पर 786 लाख और ई-बस के लिए 150 लाख खर्च किए जाएंगे।
स्थायी परिसंपत्तियों पर व्यय
अगले वर्ष निगम उद्यानों पर 10 लाख, पार्कों पर 10 लाख, कार्यालय भवन पर 9 करोड़, सामुदायिक भवन पर 5 करोड़, हरणी महादेव क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर 1 करोड़, 20 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में कन्वेंशन सेंटर के निर्माण कार्य पर 9 करोड़, कंक्रीट सड़क पर 10 करोड़, डामर सड़क पर 10 करोड़, अन्य सड़कों पर 1 करोड़, पुल-पुलिया पर 4 करोड़, नालियों व सीवर पर 8 करोड़, सीवरेज कार्य पर 116 करोड़, विद्युत लाइन विस्तार, विद्युत उपकरण व अन्य विद्युत सामग्री पर 430 लाख, नलकूप, कुआं व पाइपलाइन पर 21 लाख, स्थापना व्यय यानी वेतन, पेंशन व अन्य पर 102.40 करोड़ खर्च करेगा।
इनसे होगी आय- यूडी टैक्स से 8.10 करोड़, सरकार से 100 करोड़, किराए से 178 लाख, उपभोक्ताओं से फीस व वसूली से 5.56 करोड़, बिक्री व मालभाड़े से 25.30 करोड़, राजस्व अनुदान, अंशदान व सहायता के रूप में 3.60 करोड़, निवेश से 6.78 करोड़ आय, ब्याज से 1.50 करोड़, सरकार से अनुदान 203 करोड़।