जयपुर। राजस्थान रोडवेज प्रशासन के पास वर्तमान में बसों से अधिक परिचालक है। फिर भी बस सारथियों को बसों में परिचालक लगा रखा है। ये बस सारथी बिना टिकट लोगों को यात्रा कराते हैं। इससे रोडवेज की छवि धूमिल होने के साथ ही राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। अब परिचालकों की कमी बताते हुए सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों को भी लेने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। ऐसे में रोडवेज को काफी नुकसान होगा। रोडवेज प्रशासन वर्तमान में करीब 3000 (अनुबंधित सहित) बसों का संचालन कर रहा हैं और करीब 3754 खुद के परिचालक हैं। इसके बाद भी रोडवेज प्रशासन 1500 बस सारथियों से परिचालक का काम करवा रहा है। अब प्रदेश के छह डिपो में सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों को लेने की योजना बनाई जा रही है। यदि रोडवेज प्रशासन कार्यालयों व नॉन ऑपरेटिंग डिपो में लगे परिचालकों की रोडवेज बसों में ड्यूटी लगाई जा रही है।
बुकिंग पर लगाए बस सारथी
रोडवेज चेयरमैन शुभ्रा सिंह व एमडी पुरूषोत्तम शर्मा के निर्देश पर पिछले दिनों प्रदेशभर में आकस्मिक चैकिंग अभियान चलाया गया था। इस दौरान बिना टिकट यात्रा कराते पकड़े गए परिचालकों में अधिकतर बस सारथी थे। कई जगह तो चैकिंग में आधे यात्री बिना टिकट मिले थे। इसके बाद बस सारथियों को ब्लैक लिस्टेट किया था। इन्हें अब पुन: बहाल कर दिया गया। रोडवेज प्रशासन यदि बस सारथियों को प्रदेश बस स्टैंड व अन्य स्थानों पर बनी टिकट बुकिंग पर लगाए तो राजस्व में बढ़ोतरी होने के साथ ही लोगों को रोजगार मिलेगा।
इनका कहना है…
रोडवेज में पद के अनुरूप काम नहीं कर रहे और आॅफिस व नॉन आॅपरेटिंग डिपो में लगे परिचालकों को रूट पर चलाया जाएगा, ताकि रोडवेज के राजस्व में बढ़ोतरी हो सकें।
– डॉ. प्रेमचंद बैरवा, परिवहन मंत्री