बीकानेर न्यूज़ डेस्क – राजस्थान की वित्त मंत्री दीया कुमारी 19 फरवरी को विधानसभा में भजनलाल सरकार का दूसरा बजट पेश करेंगी। बजट को अंतिम रूप देने के लिए वित्त विभाग ने विभिन्न स्तरों पर बैठकें की हैं। इस साल के बजट से किसानों को कई उम्मीदें हैं, खास तौर पर कृषि ऋण माफी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर। किसान को देश का अन्नदाता कहा जाता है। पश्चिमी राजस्थान के किसानों के लिए यह साल किसी चुनौती से कम नहीं रहा है। खास तौर पर नहरी किसानों के लिए, जहां एक तरफ इस बार नहरों में पानी की भारी कमी से किसान आंदोलित हैं, वहीं दूसरी तरफ बिजली के साथ लुका-छिपी का खेल उनकी उम्मीदों पर पानी फेर रहा है। आगामी विधानसभा में पेश होने वाले बजट को लेकर किसान सरकार की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं।
किसान मोहनराम को ऋण माफी की उम्मीद
आशापुरा ग्राम पंचायत के किसान मोहनराम को बजट से उम्मीद है कि सरकार किसानों के लिए ऋण माफी की घोषणा करेगी, ताकि पहले से घाटे में चल रहे खेती व्यवसाय को आर्थिक राहत मिल सके। उनका कहना है कि उन्होंने ट्यूबवेल बनाने के लिए बैंक से लोन लिया था, लेकिन मूंगफली की अच्छी पैदावार के बावजूद इस बार भाव नहीं मिलने से वे टूट चुके हैं। सरकार को फसली ऋण में कुछ रियायत देकर किसानों को राहत देनी चाहिए।
किसान राजूराम को सस्ती बिजली की उम्मीद
ग्राम पंचायत डेली तलाई के किसान राजूराम को सरकार से उम्मीद है कि सरकार कृषि कार्य के लिए मुफ्त या सस्ती बिजली के लिए कुछ करे। भारी भरकम बिजली बिलों के कारण खेती महंगी होती जा रही है। इस बजट में बिजली बिल में सब्सिडी पर बिजली देने का प्रावधान होना चाहिए, ताकि किसानों की लागत कम हो सके।
किसान पप्पूराम परिहार को सिंचाई के पानी की चिंता
डेली तलाई के किसान पप्पूराम परिहार का कहना है कि सरकार को सिंचित क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। अक्टूबर-नवंबर में गेहूं, चना और इसबगोल की बुवाई की गई थी, लेकिन फरवरी आते ही नहरों के कैचमेंट एरिया में पानी की कमी का हवाला देकर नहरें बंद कर दी गईं। अब फसल बचाने की समस्या से जूझना पड़ रहा है। बाजार के व्यापारी से ऊंचे ब्याज पर खाद व बीज लेकर फसल बोई थी, लेकिन नहरों में पानी की स्थिति के कारण इस बार भारी नुकसान होना तय है। उन्होंने सरकार से इस बजट में प्रदेश के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सिंचाई परियोजनाओं को बढ़ावा देने की मांग की है।
खाद व बीज की उपलब्धता बेहतर हो
बागवानी विभाग द्वारा खेत तालाब, फार्म पोंड व डिग्गी बनाने में सरकार की ओर से देरी के बारे में लूणकरणसर क्षेत्र के किसान सीताराम विश्नोई ने बताया कि उन्होंने 2019 में डिग्गी के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। सीताराम ने सरकार से किसानों को समय पर खाद व बीज उपलब्ध करवाने के बारे में ठोस कदम उठाने की मांग करते हुए बताया कि रबी व खरीफ की फसलों के लिए किसानों को खाद के लिए घंटों कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, जिससे कृषि कार्य भी प्रभावित होता है।
फसल बीमा को और प्रभावी बनाया जाए
लूणकरणसर के किसान हरिराम गोदारा ने कहा कि सरकार को इस बजट में फसल बीमा और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कुछ प्रभावी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने मांग की है कि फसल बीमा को और प्रभावी बनाया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों का दायरा बढ़ाया जाए तथा किसानों की जिंसों की खरीद की गारंटी दी जाए।
19 फरवरी का इंतजार
सरकार किसानों की इन मांगों को बजट में कितनी जगह देगी, यह 19 फरवरी को साफ हो जाएगा। किसानों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। अब देखना यह है कि सरकार उनकी उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है।