चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क – चित्तौड़गढ़ में एनडीपीएस मामले में गिरफ्तार आरोपी की मौत का मामला गरमा गया है। नारकोटिक्स विभाग की हिरासत में मौत के बाद परिजनों ने आरोपी का शव उठाने से इनकार कर दिया। परिजन और समाज के लोग बड़ी संख्या में जिला अस्पताल में एकत्रित हो गए। परिजनों ने विभागीय अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए दोषी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। परिजनों ने एक करोड़ का मुआवजा भी मांगा है। मामला गरमाने पर प्रशासन ने न्यायिक जांच का आश्वासन दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नारकोटिक्स के कर्मचारी और अधिकारी आए और व्यक्तियों को ले गए। इस दौरान ग्रामीणों और परिजनों ने विरोध किया। उन लोगों ने खुद को चित्तौड़गढ़ नारकोटिक्स विभाग से होना बताया। साथ ही कहा कि अगर कैलाश धाकड़ को जिंदा देखना है तो 80 लाख रुपए लेकर चित्तौड़गढ़ स्थित सीबीएन कार्यालय में आ जाओ।
नारकोटिक्स विभाग पर लगाए गंभीर आरोप
परिजनों के मुताबिक जब वे कार्यालय गए तो वहां मौजूद अधिकारियों ने पूछा कि क्या रुपए लेकर आए हो? इस पर परिजनों ने कहा कि जमीन का सौदा नहीं होने के कारण व्यवस्था नहीं हो पाई। यह सुनते ही वह भड़क गए और कहा, 80 लाख रुपए लेकर आओ, नहीं तो जिंदा नहीं छोड़ेंगे। कागज, कलम और डंडा हमारे हाथ में है। जैसा चाहेंगे, केस बना देंगे। तुम कुछ नहीं कर सकते। पुलिस का दावा- 4 किलो अफीम के साथ गिरफ्तार पुलिस ने बताया कि भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया निवासी कैलाश धाकड़ को नारकोटिक्स विभाग ने गिरफ्तार किया था। इसी महीने 10 फरवरी को उसे बस्सी (चित्तौड़गढ़) से 4 किलो अफीम के साथ गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी के बाद नारकोटिक्स अधिकारियों ने आरोपी कैलाश धाकड़ को कोर्ट में पेश किया, जहां से आरोपी को रिमांड पर भेज दिया गया। अधिकारी बोले- जूते के फीते से फांसी लगाई, परिजनों ने उठाए सवाल नारकोटिक्स विभाग की हिरासत में आरोपी ने जूते के फीते से फांसी लगा ली। इसकी सूचना मिलने पर नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया। परिजनों का कहना है कि मृतक कैलाश ने कभी जूते नहीं पहने थे। वह चप्पल ही पहनता था, तो वह जूते के फीते से आत्महत्या कैसे कर सकता है।