राजसमंद न्यूज़ डेस्क, राजसमंद झील से निकलने वाली बायीं नहर को रविवार को सिंचाई के लिए खोल दिया गया है। अब इससे आगामी 26 दिनों से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही काश्तकारों की मांग पर दायीं नहर को खोले जाने की तैयारी है। राजसमंद झील का जलस्तर इस बार मानसून की बारिश, गोमती नदी और खारी फीडर के चलते 28 फीट पहुंच गया था। जल वितरण उपयोग समिति की बैठक में एक बार रेलणी और तीन बार सिंचाई के लिए नहरें खोलने का निर्णय किया गया था। नवम्बर माह में रेलणी के लिए नहर को खोला गया था। इसके बाद दिसम्बर माह के अंत में नहर को खोला था, लेकिन मावठ होने और बादल छाए रहने के कारण इसे बंद कर दिया था। इसके कारण 3 जनवरी को नहरों को फिर से खोला गया था। सिंचाई विभाग के अनुसार अब रविवार का बायीं नहर को सिंचाई के लिए खोला गया है। इससे आगामी 26 दिनों तक पानी की उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही दायीं नहर को खोलने की भी तैयारी है। इससे 30 दिनों तक पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके पश्चात मार्च में सिंचाई के लिए तीसरी और अंतिम बार खोला जाएगा। उल्लेखनीय है कि राजसमंद झील से नहरों के माध्यम से निकलने वाली पानी से 45 गांवों में 10,144 हेक्टेयर और नाथद्वारा के 7 गांवों में 467 हेक्टेयर में सिंचाई होती है।
11 फीट रखा जाएगा झील का जलस्तर
राजसमंद झील से शहरी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति की जाती है। इसके चलते प्रतिदिन 15 से 16 लाख लीटर पानी की सप्लाई की जाती है। शहरी क्षेत्र में 48 घंटे में पेयजल आपूर्ति हो रही है। सर्दी की शुरुआत में झील का जलस्तर 28 फीट के करीब था। जल वितरण समिति की बैठक में झील का जलस्तर 11 फीट रखे जाने का निर्णय लिया गया है। झील में 700 एमसीएफटी पेयजल आपूर्ति के लिए पानी रिजर्व रखा जाता है।
खेतो में लहलहा रही फसल
जिले में इस बार रबी की 59 हजार हेक्टेयर में बुुवाई हुई है। काश्तकारों के अनुसार वर्तमान में फसलों की स्थिति अच्छी है। खेतों में फसलें लहलहा रही है। सरसों की फसल में फूल आ गए हैं। गेहूं की फसलों में बाली आने लगी है। यही स्थिति चने के फसल की भी है। खेतों में दूर-दूर तक हरियाली दिखाई दे रही है। जिले में 15 मार्च के बाद रबी की फसलों की कटाई शुरू होगी। हालांकि अगेती फसलों की कटाई इस माह के अंत तक शुरू हो जाएगी।