भरतपुर न्यूज़ डेस्क, भरतपुर के बयाना में शनिवार सुबह 7:30 बजे झुग्गी बस्ती में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने तीन झोपड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। इस दौरान एक झोपड़ी में सो रहे 60 वर्षीय व्यक्ति की जिंदा जलकर मौत हो गई। घटना के समय उन्हें बेड से उठने का मौका भी नहीं मिला।जानकारी के अनुसार बयाना कस्बे के सुभाष चौक स्थित रैन बसेरा के पास झुग्गी बस्ती में सुबह अज्ञात कारणों से अचानक आग लग गई। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास किया। बाद में सूचना मिलने पर नगर पालिका की फायर ब्रिगेड भी पहुंची और आग पर पूरी तरह काबू पा लिया।
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बेड पर सोते हुए ही जिंदा जलकर मौत
आगजनी की इस घटना में झोपड़ी में सो रहे 60 वर्षीय भारत साहू पुत्र झम्मन लाल की जिंदा जलकर मौत हो गई। अचानक लगी आग के कारण वह झोपड़ी से बाहर नहीं निकल सके और वहीं जलकर उनकी मौत हो गई। स्थानीय निवासी सोनू गुप्ता ने बताया कि सुबह करीब 7:30 बजे रैन बसेरा के पास बनी झुग्गी बस्ती में रहने वाले भारत, बत्तो देवी और अशोक कुमार की झोपड़ियों में अचानक आग लग गई। भारत अपनी झोपड़ी के अंदर सो रहा थे और आग की लपटों में फंस गए। वे ट्रेनों और बसों में कानों की सफाई करने का काम करते थे।
तीन झोपड़ियों में लगी आग
आग की चपेट में आई तीनों झोपड़ियों में रखा सारा घरेलू सामान जलकर राख हो गया। सर्दी और बारिश से बचाव के लिए झोपड़ियों पर डाली गई प्लास्टिक की चादरों के कारण आग तेजी से फैल गई। सूचना मिलने पर मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। बाद में पुलिस भी पहुंची और घटना की जानकारी ली। बयाना कोतवाली थाना प्रभारी बाबूलाल गुर्जर ने बताया कि झुग्गी बस्ती में आग लगने की सूचना मिली थी, जिस पर पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया।
एक साल से थे बीमार
भारत साहू पिछले करीब एक साल से बीमार थे। कमजोरी के कारण वह चलने-फिरने में असमर्थ थे और दिनभर अपनी झोपड़ी में ही रहते थे। भारत की पुत्रवधू निशा ने बताया कि उनके ससुर सुबह 5:30 बजे जाग गए थे। करीब 7:30 बजे वह अपने दोनों बच्चों के साथ पड़ोस की झोपड़ी में चाय बना रही थी। उन्होंने ससुर से चाय पीने के लिए पूछा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। कुछ देर बाद ही उनकी झोपड़ी से आग की लपटें उठती नजर आईं।
चारों बेटे सुबह जल्दी काम पर चले गए थे
भारत की पत्नी का नाम गुड्डी देवी है। उनके चार बेटे आकाश, अमर, अजय और अमित हैं। आकाश टैक्सी ड्राइवर है और शनिवार सुबह 5:00 बजे ही बयाना से मथुरा के लिए टैक्सी लेकर निकल गया था, जबकि उनकी पत्नी गुड्डी और अन्य तीनों बेटे अमर, अजय और अमित सुबह 5:30 बजे ही काम पर चले गए थे। बेटों और पत्नी का काम ट्रेनों में खिलौने बेचना और बैग व जैकेट में चेन लगाने का करते हैं। यह झुग्गी बस्ती रेलवे स्टेशन के ठीक पीछे स्थित है।