जयपुर न्यूज़ डेस्क – पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामला दर्ज किया है। गिरफ्तार प्रशिक्षुओं को बर्खास्त करने की तैयारी की जा रही है। हाईकोर्ट ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एसओजी) वीके सिंह को तलब किया है, जबकि राजस्थान लोक सेवा आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष कैलाश मीना को वीसी के जरिए पेश होने को कहा है। न्यायाधीश समीर जैन ने कैलाश व अन्य की याचिका सोमवार को सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली। कोर्ट ने कहा कि मंगलवार को सुनवाई के समय उन प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों का ब्योरा पेश किया जाए, जिन्हें सेवा से हटाने की तैयारी की जा रही है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी ने कोर्ट को बताया कि ईडी ने मामले में मामला दर्ज किया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हरेंद्र नील ने कहा कि एसआई भर्ती का प्रश्नपत्र आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा ने 35 दिन पहले रामूराम रायका को दिया था, ऐसे में परीक्षा की पवित्रता भंग हुई। यह वीडियो भी देखें
परीक्षा रद्द करना जल्दबाजी होगी
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि परीक्षा से ठीक पांच मिनट पहले पेपर लीक हुआ, इसलिए परीक्षा रद्द करना जल्दबाजी होगी। सरकार ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर पकड़े गए प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को सेवा से हटाने की अनुमति भी मांगी, जिस पर कोर्ट ने सरकार से उनका ब्योरा पेश करने को कहा। इस बीच करीब 50 प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों ने पक्षकार बनने की इच्छा जताई है।
कई अभ्यर्थियों तक पहुंचा पेपर
कटारा ने हाथ से 600 प्रश्न और उत्तर लिखे, जिन्हें रायका ने अपने बेटे देवेश और बेटी शोभा को दिया और उन्होंने पेपर पुरुषोत्तम दाधीच को दिया। दाधीच ने पेपर रेणु कुमारी और फिर सुरजीत को दिया। इस तरह पेपर कई अभ्यर्थियों तक पहुंच गया। पेपर लीक की पाली में एफआईआर भी दर्ज हुई, जिसमें राजेश बेनीवाल समेत दो अभ्यर्थी नकल करते पकड़े गए।
एसआई भर्ती मामला
* 859 अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण के लिए चयन हुआ।
* करीब 50 चयनित प्रशिक्षु एसआई गिरफ्तार किए गए।
* पेपर लीक गिरोह के 40 सदस्य, प्रशिक्षुओं के रिश्तेदार, डमी अभ्यर्थी व अन्य को भी गिरफ्तार किया गया।
* आरपीएससी के वर्तमान सदस्य बाबूलाल कटारा व पूर्व सदस्य रामूराम रायका को भी गिरफ्तार किया गया।
* पेपर लीक मामले में मुख्य वांछित यूनिक भांभू व सुरेश ढाका विदेश भाग गए, गिरोह के कई सदस्य भूमिगत हो गए।
* हस्तलिखित पेपर 10 दिन पहले उदयपुर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के एएओ पुरुषोत्तम दाधीच के पास पहुंचा, आरोपी फरार है।
* हरियाणा के एक गिरोह ने अभ्यर्थियों तक पेपर पहुंचाया।
* न्यायालय के आदेश पर प्रशिक्षण पूरा कर चुके थाना प्रभारियों को अभी तक कोई कार्यभार नहीं दिया गया है।
* मामले की जांच एसओजी में एंटी चीटिंग सेल कर रही है।