जयपुर न्यूज़ डेस्क – एसआई भर्ती मामले में ईडी ने दखल दे दी है। सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी ने कोर्ट को बताया कि ईडी ने मामले में केस दर्ज कर लिया है। इसलिए वे एमिकस क्यूरी नहीं बन सकते। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राजदीप रस्तोगी को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील हरेंद्र नील ने कहा-
एसआई भर्ती का पेपर 35 दिन पहले आरपीएससी के निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा ने पूर्व सदस्य रामूराम रायका को दिया था। ऐसे में पूरी परीक्षा की पवित्रता भंग हुई है। कटारा ने 600 प्रश्न और उत्तर हाथ से लिखे थे। वहीं, सरकार की ओर से एएजी विज्ञान शाह ने बहस में कहा- पेपर 5 मिनट पहले ही आउट हुआ है। भर्ती रद्द करना जल्दबाजी होगी। फिलहाल सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं ले रही है।
चयनित प्रशिक्षु एसआई को बनाया पक्षकार
हाईकोर्ट ने 50 चयनित प्रशिक्षु एसआई को भी पक्षकार बनाने की अनुमति दी है। इनके वकील तनवीर अहमद ने बताया कि हमने याचिका में कहा है कि हम पेपर लीक में शामिल नहीं हैं। हमने ईमानदारी से परीक्षा दी है। एसआई भर्ती के लिए हमने अन्य सरकारी नौकरियां छोड़ी हैं। कुछ गलत लोगों की हरकतों के कारण पूरी भर्ती को रद्द करना ठीक नहीं होगा। मामले की जांच चल रही है। पेपर लीक में शामिल लोगों की धरपकड़ हो रही है। ऐसे में पूरी भर्ती को रद्द नहीं किया जाना चाहिए।
आज भी जारी रहेगी सुनवाई
मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई मंगलवार दोपहर 2 बजे तय की है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एडीजी एसओजी वीके सिंह को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है। साथ ही आरपीएससी चेयरमैन को भी सुनवाई के दौरान वीसी से जुड़ने के निर्देश दिए हैं। मामले में याचिकाकर्ताओं के अलावा सरकार, प्रशिक्षु एसआई पक्षकार हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि भर्ती को रद्द किया जाना चाहिए। क्योंकि एसओजी, पुलिस मुख्यालय, एजी और कैबिनेट सब कमेटी ने भर्ती रद्द करने की सिफारिश की है। वहीं, ट्रेनिंग ले रहे सब इंस्पेक्टरों का कहना है कि पेपर लीक में हमारी कोई संलिप्तता नहीं है। हमने इस नौकरी के लिए दूसरी सरकारी नौकरियां छोड़ी हैं। ऐसे में अगर भर्ती रद्द होती है तो यह हमारे साथ अन्याय होगा।
क्या है मामला
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। एसओजी की जांच में कई डमी अभ्यर्थी बैठाने का मामला भी सामने आया था। जांच में पता चला कि कई अभ्यर्थियों ने फर्जीवाड़ा करके नौकरी हासिल की है। एसओजी ने करीब 50 प्रशिक्षु एसआई को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 25 को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।