सीकर न्यूज़ डेस्क, एसके मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस फाइनल ईयर एग्जाम गुरुवार से शुरू होंगे। एग्जाम को लेकर कॉलेज प्रबंधन ने विशेष तैयारियां की है। नकल रोकने के लिए मेटल डिटेक्टर जांच के बाद ही स्टूडेंट को परीक्षा पक्ष में प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही उड़नदस्ता बनाया गया है जो परीक्षा के दौरान जांच करेगा। दरअसल कॉलेज में 2020 में पहला बैच आया था। फरवरी माह में कॉलेज का पहला बैच पास आउट होगा। एमबीबीएस फाइनल ईयर एग्जाम के बाद फरवरी माह तक रिजल्ट घोषित होने की उम्मीद है। एसके मेडिकल कॉलेज को प्रदेश की टॉप कॉलेजों में शामिल करने के लिए प्रबंधन ने कई नवाचार किए।
कॉलेज प्रबंधन ने वॉट्सएप ग्रुप बनाया है। इसमें मेडिकल कॉलेज की टीचिंग फैकल्टी को जोड़ा है। टीचिंग फैकल्टी को हर दिन वॉट्सएप ग्रुप पर क्लास लेने का स्टेट्स भेजना होगा। ग्रुप पर क्लास की फोटो भी डलवाई। क्लास से कौनसा स्टूडेंट गैर हाजिर रहा। ये जानकारी भी ग्रुप पर बताना जरूरी किया। स्टूडेंट प्रैक्टिकल में शामिल हुआ या नहीं। इसकी जानकारी फैकल्टी से प्राप्त की। फैकल्टी ने ग्रुप पर जो जानकारी शेयर की। उसकी हर सप्ताह ऑडिट कराई। ये ऑडिट प्रिंसिपल स्तर पर हुई। ऑडिट में फैकल्टी की लापरवाही सामने आई तो इसकी वजह पूछी जाएगी। अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई गई। कॉलेज प्रबंधन ने फैकल्टी के साथ-साथ स्टूडेंट को अनुशासन के दायरे में बांधा। जिन स्टूडेंट ने क्लास बंक की। उन स्टूडेंट की जानकारी उसके परिजनों तक भिजवाई। क्लास बंक की वजह पूछी। जो स्टूडेंट ठोस वजह नहीं बता सका। उस विशेष निगरानी कर क्लास से जोड़ा। इसका नतीजा ये आया कि यहां स्टूडेंट यूनिवर्सिटी टॉपर बनकर निकल रहे हैं। प्रिंसिपल डॉ. शिवरतन कोचर ने बताया कि हमने हर सप्ताह ऑडिट कराई।