सिरोही न्यूज़ डेस्क, सिरोही शहर की सुनियोजित बसावट के लिए सरकार ने भले ही नियम कायदे तय कर रखे हैं, लेकिन सिरोही शहर में जिम्मेदारों की अनदेखी से नियम कायदों को ताक पर रखकर बिना स्वीकृति के ही धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं।कई जगह बिना अनुमति के कॉमर्शियल निर्माण हो रहे हैं, तो कई जगह आवासीय की अनुमति लेकर निर्माण कॉमर्शियल किया जा रहा है। ऐसे में शहर में आबादी बढ़ने के साथ ही पार्किंग की समस्या बढ़ने से शहर का दम घुटता जा रहा है। वहीं, सरकार को भी लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है। विडम्बना तो यह कि जिला मुख्यालय पर ही मुख्य बाजार सहित शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर नगर परिषद की नाक के नीचे ही नियम कायदों के ताक पर रखकर धड़ल्ले से बहुमंजिला व्यवसायिक भवनों का निर्माण हो रहा है। जबकि जिम्मेदारों ने आंखें मूंद रखी है। ऐसे में आने वाले दिनों में पार्किंग की समस्या पैदा होना तय है। शहर में हो रहे व्यावसायिक निर्माणों में कहीं पार्किंग की जगह नहीं है, तो कहीं सेटबैक और फायर सिस्टम नदारद है। इनकी शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होना भी जिम्मेदारों पर कई सवाल खड़े करता है।
प्रमुख शासन सचिव तक पहुंचा मामला
गौरतलब है कि जिले के सिरोही व शिवगंज में लंबे समय से नगर परिषद व नगर पालिका की बिना अनुमति के मास्टर प्लान के विपरीत अवैध रूप से व्यवसायिक भवनों का निर्माण करने का मामला उठ रहा है। गत दिनों पूर्व विधायक संयम लोढा ने सिरोही व शिवगंज में अवैध रूप से व्यवसायिक भवनों के निर्माण का मामला उठाते हुए विभाग को राजस्व का नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाया था।यहां तक कि स्थानीय लोगों की ओर से अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद सिरोही में तो मिलीभगत के चलते अवैध निर्माण बदस्तूर जारी रहे। अब अवैध निर्माणों से नगरपरिषद को लाखों रुपए के राजस्व की हानि पहुंचाने का मामला प्रमुख शासन सचिव तक पहुंच गया है। स्थानीय स्तर पर कार्रवाई नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने प्रमुख शासन सचिव से अवैध निर्माणों की शिकायत कर कार्रवाई की मांग उठाई है। ऐसे में कार्रवाई भी हो सकती है। प्रमुख शासन सचिव ने स्थानीय अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
नोटिस देने के बाद भी हो गए निर्माण
पिछले दिनों शहर निवासी पूर्व पार्षद जगदीश सैन ने भी शहर में हो रहे अवैध निर्माणों की शिकायत की थी। जिस पर नगरपरिषद ने कुछ लोगों को नोटिस भी जारी किए, लेकिन हैरानी की बात है कि इसके बावजूद बहुमंजिला कॉमर्शियल भवन खड़े हो गए। जिनमें पार्किंग तक नहीं है। लोगों के वाहन भी सड़क पर ही खड़े होंगे।
अनुमति आवासीय की, निर्माण कॉमर्शियल
शहर में कई जगह आवासीय की अनुमति ली और व्यवसायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है। कहीं बिना अनुमति तो कहीं बिना कन्वर्जन के धड़ल्ले से निर्माण हो रहे हैं। पिछले दिनों पूर्व पार्षद सैन ने नगरपरिषद सिरोही में कुछ निर्माणों के संबंध में सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी तो शहर में हो रहे अवैध निर्माणों की पोल खुल गई। इस पर उन्होंने शिकायत भी की, लेकिन भवन खड़े हो गए। इन बेतरतीब निर्माणों से शहर में पार्किंग जैसी समस्याएं होगी, वहीं सरकार को राजस्व का चूना लग रहा है।