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Rajasthan News: 'पशु बीमा' का लक्ष्य नहीं हो पाया पूरा, Bhajanlal Sarkar ने लिया ये बड़ा फैसला

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जयपुर न्यूज़ डेस्क , राजस्थान सरकार ने मंगला पशु बीमा योजना के तहत 21 लाख पशुओं को कवर करने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन पूर्व में तय की गई अंतिम तिथि 22 जनवरी तक करीब 5.67 लाख यानी 27.1 प्रतिशत पशुओं का ही बीमा हुआ। इसके चलते विभाग ने बीमा कराने की अवधि 31 जनवरी तक बढ़ा दी है।  पशुपालक इसलिए रुचि नहीं दिखा रहे क्योंकि योजना के तहत एक पशुपालक अधिकतम दो गाय या दो भैंसों का ही बीमा करवा सकते हैं। वहीं 10 बकरी या 10 भेड़ और एक ऊंट का नि:शुल्क बीमा करा सकते हैं।ऐसे जिन पशुपालकों के ज्यादा पशु हैं, वे चाहते हैं कि सभी पशुओं का बीमा हो। इसके अलावा योजना का पर्याप्त प्रचार प्रसार नहीं होने से पशुपालकों को इसकी जानकारी नहीं है।राजस्थान सरकार को उम्मीद थी कि दुधारू गाय, भैंस, भेड़, बकरी और ऊंट के लिए बीमा आवेदन लक्ष्य से ज्यादा आएंगे, इसलिए ऐसी स्थिति में लॉटरी निकालकर बीमा योजना का लाभ देने प्रावधान किया, लेकिन विभाग के लिए लक्ष्य पूरा करना ही चुनौती हो गया है। पशुपालन विभाग ने बीमा के लिए 400 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है।

ऊंट पालक बीमा कराने की पीछे

राज्य में नर और मादा ऊंटों की संया करीब 2 लाख है, लेकिन बुधवार दोपहर तक करीब 2338 ऊंटों का ही बीमा हो पाया है।

विभाग का बीमा कवर लक्ष्य

1 लाख ऊंट, 5 लाख गाय, 5 लाख भैंस, 5 लाख भेड़, 5 लाख बकरी।

कितने पशुओं का हुआ बीमा

ऊंट-2338, गाय-208619, भैंस-268360, भेड़-23106, बकरी-64828

कितना मुआवजा मिलेगा

ऊंट, गाय, भैंस पर 40 हजार और भेड़, बकरी पर 4 हजार रुपए।
पशु पालकों को यूं मिलेगा लाभ

योजना के तहत दुधारू पशुओं की प्राकृतिक या आकस्मिक दुर्घटना जैसे आग, सड़क दुर्घटना, बिजली गिरने, जहरीला घास खाने या कीड़ा काटने, किसी बीमारी आदि में मृत्यु होने पर क्लेम मिलेगा।
पशुपालक किसी भी ई-मित्र से पशु बीमा करवा सकते हैं। विभाग के चिकित्सक उन्हें जागरूक करके बीमा कराने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह पूरी तरह नि:शुल्क है। पशुपालकों की सुविधा के लिए अंतिम तिथि दस दिन के लिए बढ़ाई गई है।

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Rajasthan E Khabar Webdesk

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