जयपुर। प्रदेश में शराबबंदी लागू करने की मांग को लेकर 90 साल के एक विधायक ने सात माह अन्न त्याग रखा है। वह अब तक राज्य सरकार को 101 पत्र लिख चुके हैं, लेकिन एक भी पत्र का जवाब नहीं मिला। अब राष्ट्रपति कार्यालय से आए एक पत्र के बाद उन्हें उम्मीद बंधी है। यह पूर्व विधायक और कोई नहीं बल्कि नवरंगसिंह जाखड़ है और नवलगढ़ से दो बार विधायक रह चुके हैं। जब 1977 में पहली बार विधायक बने थे, तब शराबबंदी के लिए अनशन कर राज्य सरकार को प्रदेश में शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए मजबूर कर दिया था। दूसरी बार वर्ष 1985 से 1990 तक विधायक रहे। नवरंग सिंह अगले महीने 90 साल की उम्र को पार करने जा रहे हैं। पूर्व विधायक नवरंग सिंह ने दैनिक नवज्योति को बताया कि राजस्थान में शराबबंदी को लेकर वह पिछले कई सालों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। भजनलाल शर्मा की इस सरकार से उम्मीद थी कि वह प्रदेश में शराबबंदी करेगी और पिछले साल दस जुÞलाई को पेश किए बजट में इसकी घोषणा करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब बजट में इसकी घोषणा नहीं हुई तो सिंह ने उसी दिन से अन्न को त्याग दिया। करीब सात महीने से वह केवल फल खा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अन्न के साथ चाय भी त्याग दी। उन्होंने ऐसा कोई स्तर नहीं छोड़ा, जहां शराबबंदी की मांग को लेकर नहीं गए। करीब छह महीने पहले राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को पत्र लिख कर उनके समक्ष याचिका की, तो वह जरुर गंभीर हुई और अपने कार्यालय से गत 24 अक्टूबर को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा। राष्ट्रपति के इस पत्र के बाद शराब ठेकेदार दहशत फैला रहे हैं। उन्होंने बताया जब 1979 में शराबबंदी लागू हुई, तो कई युवाओं ने जोरदार स्वागत किया था, लेकिन दो साल बाद जब शराब की बिक्री खुली, तो कुछ शराब कारोबारियों ने हमला भी कर दिया था।