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Rajasthan News: बिजली-पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा राजस्थान का ये गांव, हालात जान खौल उठेगा खून

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जैसलमेर न्यूज़ डेस्क – भारत-पाक सीमा से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित करड़ा गांव देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन यहां के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और पशुपालन जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की भारी कमी ने ग्रामीणों का जीना दूभर कर दिया है। सीमावर्ती गांव करड़ा में पानी की समस्या सबसे गंभीर है। ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। पर्याप्त ट्यूबवेल और पानी की टंकियां न होने के कारण ग्रामीण पानी की किल्लत से जूझने को मजबूर हैं। संसाधनों की कमी के कारण बारिश के पानी को बचाने के प्रयास भी सफल नहीं हो पा रहे हैं।

बिजली से वंचित सीमावर्ती गांव
गांव में बिजली आपूर्ति बेहद कमजोर है। जर्जर ट्रांसफार्मर और पुरानी बिजली लाइनें अक्सर खराब हो जाती हैं, जिन्हें ठीक करने में कई दिन लग जाते हैं। बिजली के बिना लोगों की दिनचर्या प्रभावित होती है, बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है और ग्रामीणों का रोजमर्रा का जीवन दूभर होता जा रहा है। गांव में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं है। यहां आसपास के 10 गांवों की चिकित्सा व्यवस्था महज एक एएनएम के भरोसे है। यहां न तो कोई डॉक्टर है, न ही दवा उपलब्ध है। बीमार लोगों को इलाज के लिए जैसलमेर या अन्य शहरों में जाना पड़ता है, वहां पहुंचने पर समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है।

यह भी है हकीकत: पशुपालकों के सामने संकट
करड़ा के लोग मुख्य रूप से पशुपालन पर निर्भर हैं। यहां करीब 5 हजार मवेशी और 15 हजार भेड़-बकरियां हैं। पशु चिकित्सा सेवाओं के अभाव और प्रशासन की लापरवाही के कारण पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी तरह गांव में एक ही उच्च प्राथमिक विद्यालय है, जहां मात्र दो शिक्षक कार्यरत हैं। यहां 100 से अधिक बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। संसाधनों के अभाव में बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

देश की सुरक्षा में योगदान, लेकिन विकास से कोसों दूर
1965 और 1971 के युद्ध में करड़ा गांव के लोगों ने सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया था। आज भी यहां के लोग सीमा सुरक्षा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन की लापरवाही के कारण वे मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सीमा सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने वाले करदा जैसे गांवों के विकास पर ध्यान देना जरूरी है। सरकार को सीमावर्ती गांवों को मुख्यधारा में लाने और वहां के लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ठोस योजनाएं बनानी चाहिए। अन्यथा देश की रक्षा करने वाले इन गांवों के लोग हमेशा विकास की रोशनी से दूर रहेंगे।

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Rajasthan E Khabar Webdesk

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