उदयपुर न्यूज़ डेस्क, सुविवि में शिक्षकों और अशैक्षणिक कर्मचारियों की हड़ताल के बाद शुरू हुआ सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। करीब 7 साल बाद एक बार फिर सुविवि प्रशासन और सुखाड़िया यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (सूटा) के शिक्षक आमने-सामने हो गए हैं। गत 11 जनवरी तक 327 अशैक्षणिक संविदा कर्मचारियों और 150 स्थायी कर्मचारियों की हड़ताल को समर्थन देने वाले सूटा को सुविवि प्रशासन ने अमान्य घोषित कर दिया है।
इस संबंध में कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा के निर्देश पर रजिस्ट्रार डॉ. वृद्धिचंद गर्ग की ओर से समाचार पत्रों में आम सूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सुविवि में सूटा नाम से कोई भी संगठन वैधानिक रूप से मान्य नहीं है। सूटा के नाम से कोई भी सूचना दी जाती है तो विवि प्रशासन संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई करेगा।
इससे पहले सुविवि के तत्कालीन कुलपति प्रो. जेपी शर्मा के कार्यकाल अप्रैल 2018 में भी इसी तरह की आम सूचना प्रकाशित करवाकर सूटा को अवैधानिक करार दिया गया था। इसके खिलाफ सूटा के पदाधिकारी हाईकोर्ट में गए। हाईकोर्ट ने सुविवि प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अभी यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। हाईकोर्ट में सुनवाई के बीच सूटा को फिर से अवैधानिक करार देने की आम सूचना जारी करने से नाराज सूटा से जुड़े 250 से ज्यादा वर्तमान-पूर्व शिक्षकों ने सुविवि प्रशासन के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई है।