दौसा न्यूज़ डेस्क – दौसा जिला मुख्यालय के समीप खेड़ली गांव में लोगों ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की स्मृति में सार्वजनिक पुस्तकालय का निर्माण शुरू किया है। ताकि गांव के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए शहर जाने की बजाय गांव में ही अध्ययन के लिए अनुकूल माहौल मिल सके। इसका उद्घाटन आयकर विभाग की सेवानिवृत्त प्रधान महानिदेशक सुनीता बैंसला ने किया। उन्होंने कहा कि कर्नल बैंसला का जीवन करीब तीन दशक तक समाज में जागृति आंदोलन और नई चेतना को बढ़ावा देने के लिए समाज के नाम रहा।
<iframe allow="accelerometer; autoplay; clipboard-write; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture; web-share" allowfullscreen="" frameborder="0" height="496" referrerpolicy="strict-origin-when-cross-origin" src=" srcdoc="*{padding:0;margin:0;overflow:hidden}html,body{height:100%}img,span{position:absolute;width:100%;top:0;bottom:0;margin:auto}span{height:1.5em;text-align:center;font:48px/1.5 sans-serif;color:white;text-shadow:0 0 0.5em black} .youtube_play{border-radius: 60% / 20%; color: #FFFFFF; font-size: 1em; margin: 20px auto; padding: 0; position: relative; text-align: center; text-indent: 0.1em; transition: all 150ms ease-out; width: 70px; height: 47px;}.youtube_play:before{background: red; border-radius: 15% / 50%; bottom: 0%; content: ""; left: 0px; position: absolute; right: 0px; top: 0%;}.youtube_play:after{border-style: solid; border-width: 1em 0 1em 1.732em; border-color: transparent transparent transparent rgba(255, 255, 255, 0.75); content: ""; font-size: 12px; height: 0; margin: -1em 0 0 -1em; top: 50%; position: absolute; width: 0;}
" style="border: 0px; overflow: hidden"” title=”राजस्थान इवनिंग टॉप न्यूज़ 14 फरवरी 25, नरेश मीणा की जमानत खारिज, जयपुर मेट्रो के आगे कूदा युवक” width=”882″>
उनके जाने के बाद समाज में एक तरह का शून्य पैदा हो गया है, हर कोई चाहता है कि कर्नल साहब आज भी पहले की तरह हमें प्रेरणा देते रहें। इस शून्य को पूरा करने के लिए समाज अब कर्नल बैंसला और उनकी विचारधारा को अपने गांवों में आत्मसात कर रहा है। उन्होंने कहा- यह पुस्तकालय हमारे बच्चों के लिए दो तरह से काम करेगा। पहला, यह यहां के स्थानीय बच्चों के लिए अध्ययन स्थल के रूप में काम करेगा। दूसरा, कर्नल बैंसला की स्मृति और संदेश यहां स्थानीय स्तर पर हमेशा के लिए संरक्षित हो गए हैं। समाज को अभी बहुत लंबा सफर तय करना है और इस तरह के निर्माण से समाज को आध्यात्मिक ताकत मिलती है।
अब पीछे मत हटो, चमको और मशहूर रहो
कर्नल बैंसला की प्रतिमा के अनावरण के एक अन्य कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की महिलाओं ने हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलनकारियों का साथ दिया है। आंदोलन के दौरान यहां की महिलाओं की बहादुरी के चर्चे अखबारों के जरिए देश-विदेश तक पहुंचे हैं। सुबह-शाम खाना बनाना और आंदोलनकारियों के लिए खाने का इंतजाम करना। आंदोलन के दौरान सड़कों पर उतरना और बिना डरे गिरफ्तार होना। हमारी महिलाओं का साहस मेहनत और इरादे का जीता जागता उदाहरण है। उस समय जिस तरह से महिला शक्ति ने आंदोलन में हिस्सा लिया, जो साहस दिखाया, उससे समय-समय पर याद रखना चाहिए कि हमारी आधी आबादी ताकत और बहादुरी से भरी हुई है। उन्होंने कहा- कर्नल साहब कहते थे, “मेरी बेटियां किसी से कम नहीं हैं, बल्कि वे जन्मजात योद्धा हैं” इसलिए अब पीछे मत हटो, चमको और मशहूर रहो।