जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुरगायत्री परिवार की ओर से तीन शक्तिपीठ और 24 प्रज्ञा केन्द्रों में कार्यक्रम होंगे। मुख्य आयोजन ब्रह्मपुरी स्थित शक्तिपीठ में सुबह साढ़े आठ बजे से नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ होगा। वाद्य यंत्रों और वेदों का भी पूजन किया जाएगा।राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि इस मौके पर लोगों को बसंत पंचमी 2026 तक की अवधि में साधना अनुष्ठान से जुड़ने का संकल्प कराया जाएगा। मैथिली महिला मंच और राजस्थान मैथिल परिषद् की ओर से जेएलएन मार्ग स्थित वेंकटेश्वर मंदिर विष्णु धाम में दो फरवरी से दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत होगी। मंच की अध्यक्ष बबीता झा व कोषाध्यक्ष अंजु ठाकुर ने बताया कि सुबह 11 बजे सरस्वती पूजा के बाद गायन व कथक नृत्य सहित विभिन्न रंगारंग-सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। परिषद् के अध्यक्ष दिलीप झा ने बताया कि समाज के वरिष्ठ लोगों का सम्मान किया जाएगा। गौतमपाल ने बताया कि मां सरस्वती की 6 फीट ऊंची प्रतिमा बंगाल के कारीगरों ने तीन महीने में तैयार की है। इसके लिए मिट्टी भी बंगाल और दौसा से लाई गई। मां की साड़ी, नथ व ज़ेवर सहित शृंगार का अन्य सामान भी बंगाल से मंगाया है।
तिथियों की अवधि घटने-बढ़ने के चलते इस बार बसंत ऋतु के आगमन और मां सरस्वती की आराधना के पर्व बसंत पंचमी के आयोजन को लेकर संशय की स्थिति है। ज्योतिष विधा के जानकारों के अनुसार राजस्थान और दिल्ली सहित पश्चिमी राजस्थान में रविवार तथा पूर्वी भारत में सोमवार को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। शिव और सिद्ध योग में अधिकांश जगहों पर दो फरवरी को बसंत पंचमी का पर्व रहेगा। विद्यारंभ सहित कई अन्य संस्कार भी होंगे। सोमवार को उदियात तिथि में पंचमी रहने से प्रयागराज स्थित महाकुंभ में बसंत पंचमी का अमृत स्नान भी तीन को ही होगा।
ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक पंचमी तिथि रविवार सुबह 9:15 बजे से सोमवार सुबह 6:53 बजे तक रहेगी। दोनों ही दिन पंचमी तिथि के सूर्योदय को स्पर्श न करने से ज्योतिष और पंचांग के अनुसार पंचमी तिथि का क्षय हो रहा है। वाराणसी में सोमवार को सूर्योदय सुबह करीब 6:44 बजे होगा। अत: सूर्योदयकालीन पंचमी तिथि का योग सोमवार को रहेगा। इस कारण महाकुंभ में सोमवार को अमृत स्नान रहेगा। जयपुर सहित राजस्थान में सोमवार को सूर्योदय करीब 7:16 बजे होगा व पंचमी तिथि इसके करीब 23 मिनट पहले ही समाप्त हो जाएगी। इस कारण पूर्वी भारत में बसंत पंचमी पर्व सोमवार और राजस्थान, दिल्ली व गुजरात सहित पश्चिमी भारत में पर्व रविवार को रहेगा।
पाटोत्सव, स्थापना दिवस
गोविंददेव जी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में विशेष झांकी दर्शन होंगे। बसंत पंचमी उत्सव गोविंददेवजी मंदिर के पाटोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। सुभाष चौक स्थित सरस निकुंज में शुक संप्रदाय के स्थापना दिवस के तहत महोत्सव आयोजित किया जाएगा।सुबह दस बजे अभिषेक व चरण पादुका पूजन होगा। आचार्य महाप्रभु स्वामी श्याम चरण दास ने बसंत पंचमी पर ही आचार्य पीठ की स्थापना की थी। ठाकुर जी को गुलाल धारण करा फाग का निमंत्रण दिया जाएगा।