---Advertisement---

Rajasthan News: क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी, कैसे शुरू हुई सरस्वती पूजा? जाने पौराणिक कथा

---Advertisement---

जयपुर न्यूज़ डेस्क, माघ माह में सकट चौथ, षटतिला एकादशी, मौनी अमावस्या, गुप्त नवरात्रि और वसंत पंचमी जैसे कई पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व आते हैं। इनमें वसंत पंचमी का पर्व खासतौर पर ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की आराधना के लिए समर्पित है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशियां बढ़ती हैं। वसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन घरों, मंदिरों और शिक्षा से जुड़े संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा का विशेष आयोजन किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा क्यों की जाती है और इस दिन का क्या महत्व है। 
 
क्यों मनाया जाता है वसंत पंचमी का पर्व?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माना जाता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। इसी उपलक्ष्य में हर वर्ष वसंत पंचमी मनाई जाती है। देवी सरस्वती को विद्या, कला और बुद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है। इस दिन की पूजा-अर्चना से ज्ञान, कला और संगीत का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही यह पर्व नई फसल और प्रकृति के बदलाव का उत्सव भी है। इस मौसम में सरसों के पीले फूल, आम के पेड़ों पर नई बौर, और गुलाबी ठंड पूरे वातावरण को आनंदमय बना देती है। यह समय न केवल मनुष्य बल्कि पशु-पक्षियों में भी नई ऊर्जा का संचार करता है।

 2025 में वसंत पंचमी कब है?

पंचांग के अनुसार, 2025 में वसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन पंचमी तिथि का आरंभ सुबह 9:14 पर होगा और यह 3 फरवरी को सुबह 6:52 पर समाप्त होगी। पूजा का सबसे शुभ समय सुबह 7:09 से दोपहर 12:35 तक रहेगा।
वसंत पंचमी मनाने की विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।
मां सरस्वती को लड्डू, मीठे पीले चावल और मौसमी फलों का भोग लगाएं।
देवी की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
 

---Advertisement---

लेखक के बारें में....

Rajasthan E Khabar Webdesk

Leave a Comment

loader